"वागीश्वरी पुरस्कार"
मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन भोपाल
"सुभद्राकुमारी चौहान पुरस्कार"
साहित्य अकादेमी
(मप्र संस्कृति परिषद, मप्र शासन)
"कहानियां पुरस्कृत"
सारिका अ0भा0 कहानी प्रतियोगिता, जान्हवी अ0भा0 कहानी प्रतियोगिता
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राजनारायण बोहरे का जन्म 20 सितंबर को अशोकनगर मध्यप्रदेश में हुआ।
इनके अब तक चार कहानी सँग्रह इज़्ज़त-आबरू, गोस्टा तथा अन्य कहानियां, हादसा, मेरी प्रिय कथाएँ और उपन्यास मुखबिर व अस्थान के अलावा बाली का बेटा, अंतरिक्ष मे डायनासौर, रानी का प्रेत, गढ़ी के प्रेत, जादूगर जँकाल और सोनपरी (बाल उपन्यास) के साथ आर्यावर्त की रोचक कहानियां प्रकाशित हैं। इनके कथा साहित्य पर पुस्तक “राजनारायण बोहरे: आलोचना की अदालत”(सम्पादक-डॉ के बी एल पाण्डेय) है। चिल्ड्रन्स बुक ट्रस्ट, अ.भा. कहानी प्रतियोगिता सारिका (84) और जान्हवी (97) द्वारा पुरस्कृत। पोर्टल मातृभारती, प्रतिलिपि, शोपिज़ेन, स्टोरी मिरर, ईपुस्तकालय पर कहानी।
राज बोहरे का ब्लॉग “Raj Bohare Uvach” व “Kissago Rajnarayan” है।
इज़्ज़त-आबरु, गोस्टा तथा अन्य कहानियाँ, हादसा, मेरी प्रिय कथाएँ और हल्ला
मुखबिर, आड़ा वक्त, अस्थान
अंतरिक्ष में डायनासौर, जादूगर जँकाल और सोनपरी, रानी का प्रेत, सुनसान इमारत, बाली का बेटा व छावनी का नक्शा
आलोचना की अदालत : कथाकार राज नारायण बोहरे (संपादक डॉ. के बी एल पांडे), बीसवीं सदी के अन्त में कथा साहित्य (प्रकाशनाधीन)
अंतरिक्ष में डायनासौर और कुछ फुटकर कहानियों का अंग्रेजी में अनुवाद
आर्यावर्त की रोचक कथाएँ
पुस्तकें प्रकाशित
अनुवादित पुस्तकें
समीक्षाएं
मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन भोपाल
साहित्य अकादेमी
(मप्र संस्कृति परिषद, मप्र शासन)
सारिका अ0भा0 कहानी प्रतियोगिता, जान्हवी अ0भा0 कहानी प्रतियोगिता
आज आपके फकीरचन्द ने एक और …
राम गोपाल भावुक राजनारायण …
डॉ पद्मा शर्मा एको देवः …
सहायक आयुक्त (राज्य कर)GST के पद से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति बाद स्वतंत्र लेखन
राजनारायण बोहरे जिस व्यंजना के साथ कहानी कहते हैं , वह अपने अर्थ के साथ सामाजिक सरोकारों के सारे आंसुओं को उद्घाटित करती है । इस संग्रह में उनकी 12 कहानियां संग्रहीत हैं।" हादसा" मोटर ट्रेन एक्सीडेंट, बम विस्फोट या प्रेम में शह और मात की कहानी नहीं, एक आम आदमी का हमारे समूचे तंत्र से विश्वास उठ जाना भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा हादसा की कथा है। संग्रह की एक अन्य कहानी " मुहिम" उनकी ही भय नामक कहानी के बाद सबसे सशक्त कहानी है । चंबल जी दस्यु समस्या पर सामाजिक परिप्रेक्ष्य में जातियों और उप जातियों के ऐसे उपेक्षित और अगम्य क्षेत्र की कथा है । "मुहिम" इसमें वर्ण बैषम्य बेसन में का विश्व स्त्री की अंत हीन दुर्दशा और अंततोगत्वा हत्या में परिणत हो जाता है । इसी प्रकार खालिश किस्सागोई के शिल्प में बुनी कहानी "चंपा महाराज , चेल्लम्मा और प्रेम कथा" कालका भैया यानी पंडित जी और दक्षिण भारतीय नस के संबंध को धर्म विवाह की स्वीकृति प्रदान कर देने की चंपा महाराज की व्यवसाय चाल की कहानी है।" बाजारवेब" में नितांत घरेलू महिला का एजेंट, सेल्सगर्ल हो जाना आज का यथार्थ है। "निगरानी" चुनाव आयोग द्वारा चुनाव सुधार के नए फार्मूले हेतु भेजे गए पर्यवेक्षक की कहानी है, जो शराबनोशीऔर रंगरेलियां मनाने में बदल जाती है ।"बदलाहट" एक राजनीतिक रैली की कहानी है, जो प्रतिकूल विचारधाराओं के कारण वर्ण संघर्ष में बदल कर अपना ही खून बहा रही है। एक नितांत ही स्वागत योग्य कहानी संग्रह!
डॉक्टर केबीएल पांडेय